CIIVES Central India Institute of Vascular and Endovascular Sciences

क्या है वास्कुलर सर्जरी ?

क्या है वास्कुलर सर्जरी ?

By Dr Rohit Gupta / Dr Kartik Gupta | 2025-06-12

क्या थोड़ी दूर चलने पर आपके पैरों में दर्द होता है? क्या आपके पैरों में नीली और फूली हुई नसें दिखती हैं?
ये केवल उम्र के कारण दिखने वाले लक्षण नहीं हैं। ये संकेत हो सकते हैं कि आपके हाथों-पैरों की रक्तवाहिनियों (blood vessels) में ब्लॉकेज है।

वास्कुलर सर्जरी क्या होती है?

वास्कुलर सर्जरी एक विशिष्ट चिकित्सा शाखा है, जिसमें रक्तवाहिनियों से जुड़ी सभी बीमारियों का इलाज किया जाता है।

रक्तवाहिनियां दो प्रकार की होती हैं:

  • धमनियां (Arteries): ऑक्सीजन युक्त खून शरीर के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचाती हैं।
  • नसें (Veins): बिना ऑक्सीजन वाला खून वापस हृदय की ओर लाती हैं।

जब इन रक्तवाहिनियों में खून का बहाव धीमा या रुक जाता है, तो स्ट्रोक या गैंगरीन (अंग काला पड़ना) जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

वास्कुलर सर्जन ऐसे विशेषज्ञ होते हैं जो शरीर में रक्त प्रवाह बनाए रखते हैं — ताकि स्ट्रोक या अंग कटने जैसी स्थिति न बने।

नोट: इसमें हृदय और मस्तिष्क की रक्तवाहिनियों का इलाज शामिल नहीं होता।

वास्कुलर सर्जरी में किन बीमारियों का इलाज किया जाता है?

वेरीकोज़ वेन्स (नीली व फूली हुई नसें)

यह समस्या क्यों होती है?

पैरों की नसों में मौजूद वॉल्व (वाल्व) कमज़ोर हो जाने के कारण खून वापस हृदय की ओर नहीं जा पाता और नसों में जमा होने लगता है। इससे नीली या बैंगनी नसें उभरी हुई दिखाई देने लगती हैं।

लक्षण:

  • पैरों में भारीपन या दर्द महसूस होना
  • पैरों और टखनों पर उभरी हुई, नीली-बैंगनी नसें दिखाई देना
Human legs with varicose vein illustration

पेरिफेरल आर्टेरियल डिज़ीज़ (PAD)

यह समस्या क्यों होती है?

धमनियों में प्लाक (चर्बी व कोलेस्ट्रॉल जमा) बनने से वे संकरी हो जाती हैं। इससे खून का प्रवाह कम हो जाता है और मांसपेशियों तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता।

लक्षण:
थोड़ी दूर चलने पर पैरों में दर्द होना, जो आराम करने पर ठीक हो जाता है (इसे क्लॉडिकेशन कहते हैं)

कैरोटिड आर्टरी डिज़ीज़ (गर्दन की धमनी में रुकावट)

यह समस्या क्यों होती है?

गर्दन में मौजूद कैरोटिड धमनियां मस्तिष्क को खून पहुंचाती हैं। इन धमनियों में प्लाक जमा हो जाने से मस्तिष्क में खून की सप्लाई घट जाती है, जिससे स्ट्रोक हो सकता है।

लक्षण:

  • शरीर के एक हिस्से में अचानक कमजोरी आना या सुन्न हो जाना
  • स्ट्रोक जैसे लक्षण – संतुलन खोना या चक्कर आना, बोलने में परेशानी, अचानक तेज सिरदर्द

एन्यूरिज़्म या धमनीविस्फार (धमनी की दीवार का फूल जाना)

यह समस्या क्यों होती है?

धमनी के किसी हिस्से के कमज़ोर हो जाने पर वह रक्त प्रवाह का दबाव झेल नहीं पाती। ऐसे में धमनी का वह हिस्सा गुब्बारे की तरह फूलकर उभर जाता है। गंभीर स्थिति में यह फट सकता है और ऐसा होने पर आंतरिक रक्तस्राव हो सकता है।

लक्षण:

  • कई बार एन्यूरिज़्म बिना किसी लक्षण के होता है
  • अगर धमनी फट जाए: चक्कर आना, तेज़ धड़कन, पसीना आना, उल्टी, बेहोशी

खतरा: अगर एन्यूरिज़्म फट जाए, तो यह आंतरिक रक्तस्राव, स्ट्रोक या जानलेवा स्थिति पैदा कर सकता है।

डायबिटिक फ़ुट (मधुमेह से जुड़ी पैर की समस्या)

यह समस्या क्यों होती है?

डायबिटीज के कारण नसों को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचता है, जिससे पैरों में रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है। शरीर की नसों (तंत्रिकाओं) को भी क्षति पहुंचती है, जिससे पैर सुन्न पड़ सकते हैं और चोट या जलन का एहसास नहीं होता। इससे घाव ठीक नहीं होते और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

लक्षण:

  • ऐसा घाव या अल्सर जो एक महीने से अधिक समय से ठीक नहीं हो रहा हो
  • पैर, उंगलियों या नाखूनों का काला पड़ना (गैंगरीन)

डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (DVT)

यह समस्या क्यों होती है?

शरीर की गहरी नसों में (आमतौर पर पैरों में) खून के थक्के बन जाते हैं, जिससे खून का बहाव रुक जाता है। अगर यह थक्का टूटकर फेफड़ों में पहुंच जाए, तो यह जानलेवा हो सकता है (पल्मोनरी एम्बोलिज़्म)।

जोखिम बढ़ाने वाले मुख्य कारण:

  • अधिक उम्र
  • लंबे समय तक बैठना या लेटना
  • हाल ही में कोई सर्जरी या चोट
  • हार्मोन संबंधी दवाएं
  • मोटापा
  • धूम्रपान

लक्षण:

  • एक ही पैर में सूजन और दर्द
  • पैर ठंडा पड़ना
  • त्वचा नीली पड़ना
  • चलने या दबाने पर दर्द बढ़ना

समय पर इलाज से बच सकते हैं बड़े खतरे

इन बीमारियों का इलाज यदि सही समय पर और वास्कुलर विशेषज्ञ द्वारा किया जाए, तो न सिर्फ़ स्थिति को बिगड़ने से रोका जा सकता है, बल्कि कई मामलों में पैर कटने से भी बचाया जा सकता है और मरीज पूरी तरह से ठीक हो सकता है।

यदि आप या आपके परिजन इनमें से किसी समस्या से जूझ रहे हैं, तो नीचे दिए गए नंबर पर संपर्क करें।

Central India Institute of Vascular & Endovascular Sciences (CIIVES)
डॉ. रोहित गुप्ता / डॉ. कार्तिक गुप्ता

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